🌼 कावड़ यात्रा का महत्व
सावन के महीने में शिवभक्त गंगा जल लाकर भगवान शिव पर चढ़ाते हैं। इसे कावड़ यात्रा कहा जाता है। यह यात्रा भक्तिभाव, आत्मशुद्धि और मनोकामना पूर्ति का प्रतीक है।
🔱 कावड़ का जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त 2025
सावन मास प्रारंभ: 10 जुलाई 2025 (गुरुवार)
सावन सोमवार तिथि:
- 14 जुलाई 2025
- 21 जुलाई 2025
- 28 जुलाई 2025
- 4 अगस्त 2025
जल चढ़ाने का उत्तम समय:
⏰ ब्राह्म मुहूर्त – प्रातः 4:00 से 6:00 बजे तक
⏰ अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:45 से 12:30 बजे तक
📜 कावड़ यात्रा और जल चढ़ाने के नियम
- कावड़ को जमीन पर न रखें।
- गंगा जल को पवित्रता से रखें।
- यात्रा में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- कावड़ को कंधे से एक बार उठाने के बाद नीचे न रखें।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
🙏 सरल उपाय शिव को प्रसन्न करने के
- कच्चा दूध, बेलपत्र और शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- हर सोमवार उपवास करें।
- गरीबों को भोजन कराएं।
- शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र का जाप 108 बार करें।
🕉️ शिव पूजन मंत्र
1. पंचाक्षरी मंत्र:
“ॐ नमः शिवाय”
2. महामृत्युंजय मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥”
📖 स्तोत्र पाठ
1. शिव तांडव स्तोत्र – रावण द्वारा रचित यह स्तोत्र शिव को अत्यंत प्रिय है।
2. लिंगाष्टकम् – शिवलिंग की महिमा का वर्णन करता है।
3. रुद्राष्टाध्यायी – यजुर्वेद के रुद्र मंत्रों का संग्रह।
🔔 विशेष सुझाव:
- यात्रा पर निकलने से पहले घर के बड़ों का आशीर्वाद लें।
- अगर संभव न हो तो घर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाकर भावना से पूजा करें।
- शिव मंदिर में ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करते हुए जल अर्पण करें।
📌 निष्कर्ष:
कावड़ यात्रा आत्मबल, श्रद्धा और संयम का अद्भुत संगम है। सही मुहूर्त और विधि से जल चढ़ाकर शिव कृपा पाना सरल और निश्चित है।
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