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मां धूमावती दस महाविद्या में सप्तम महाविद्या है || माँ धूमावती जयंती || Dhumavati jayanti ||

 मां धूमावती दस महाविद्या तंत्र में मां धूमावती का विशेष महत्व है। इनकी उपासना व साधना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। 10 महाविद्याओं में देवी भगवती के 10 स्वरूप की पूजा की जाती है। तांत्रिक साधु के द्वारा इन्हें पूजा जाता है। 10 महाविद्या इस तरह से हैं मां काली मां तारा मां षोडशी मां भुनेश्वरी मां त्रिपुरा मां धूमावती मां छिन्नमस्ता मां बगलामुखी मां मातंगी और मां कमला। 



जेष्ठ मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मां धूमावती जयंती मनाई जाती है। मां धूमावती का स्वरूप विधवा के रूप रूप में मनाया जाता है। मां धूमावती का वाहन कौवा है। माताजी सफेद वस्त्र धारण कर रखे हैं। माता जी के केश खुले हुए हैं। महर्षि अंगिरा दुर्वासा परशुराम और भृगु आदि क्रोध में ऋषि मां धूमावती की मूल शक्ति माना जाता है



मध्य प्रदेश के दतिया में मां धूमावती का प्रसिद्ध मंदिर उपस्थित है। मां की विशेष पूजा समाज में अकेले रहने वाले जैसे विधवा, अविवाहित, सन्यासी स्त्रियां ही करती है। इस दिन मां को काले कपड़े में काले तिल बांधकर मां के श्री चरणों में समर्पित किए जाते हैं।



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