बृहस्पतिवार का व्रत और संतान प्राप्ति
हिंदू धर्म में बृहस्पतिवार (गुरुवार) का व्रत विशेष रूप से गुरु बृहस्पति देव को समर्पित होता है। यह व्रत जीवन में सुख, समृद्धि, विवाह, संतान और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में शुभ फल देने वाला माना गया है। विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए बृहस्पति देव की पूजा और व्रत अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।
🪔 व्रत विधि (Brihaspativar Vrat Vidhi)
- प्रातः स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें।
- गुरु बृहस्पति देव का चित्र या पीली वस्तु की पूजा करें।
- पीला फूल, चना दाल, गुड़, हल्दी, केले और पीला वस्त्र अर्पित करें।
- गुरुवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- दिनभर फलाहार या सात्त्विक भोजन करें, नमक का सेवन न करें।
- "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
👶 संतान प्राप्ति के लिए विशेष उपाय
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पीली वस्तुओं का दान करें – पीला कपड़ा, पीली मिठाई या पीली फल-सब्ज़ियाँ गुरुवार को दान करने से गुरु ग्रह प्रसन्न होते हैं और संतान संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।
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गुरु मंत्र जाप करें
- "ॐ बृहस्पतये नमः"
- "ॐ श्रीं बृहस्पतये नमः"
प्रतिदिन कम से कम 11 या 108 बार जाप करें।
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बच्चा गोपाल स्तोत्र का पाठ
गुरुवार के दिन "संतान गोपाल स्तोत्र" का नियमित पाठ करने से गर्भाधान और स्वस्थ संतान की प्राप्ति होती है। -
गाय को चना दाल और गुड़ खिलाएं
गुरुवार को गाय को चना दाल और गुड़ खिलाने से गुरु ग्रह शुभ होता है, जिससे संतान सुख मिलता है। -
गर्भवती स्त्रियाँ पीला चंदन धारण करें
पीले चंदन को अभिमंत्रित कर के नाभि पर लगाने से गर्भ की रक्षा होती है।
📿 विशेष मंत्र
"ॐ नंदनंदनाय विद्महे वृषभध्वजाय धीमहि तन्नो गोपालः प्रचोदयात्"
– इस मंत्र का गुरुवार के दिन 21 बार जाप करें।
✨ लाभ
- संतान प्राप्ति में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
- वैवाहिक जीवन में सुख और संतुलन आता है।
- गुरु दोष, संतान दोष या पितृ दोष में राहत मिलती है।
- संतान की सेहत और बुद्धि में वृद्धि होती है।
📌 निष्कर्ष
यदि आप संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं और वैदिक उपायों से जीवन में समाधान खोज रहे हैं, तो बृहस्पतिवार का व्रत अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो सकता है। नियमित पूजा, मंत्र जाप, दान और संयमित जीवनशैली से गुरु कृपा प्राप्त होती है और संतान सुख का मार्ग प्रशस्त होता है।
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