महालक्ष्मी पूजन का संपूर्ण विधान | Mahalaxmi Pujan Vidhi in Hindi
महालक्ष्मी पूजन विशेष रूप से दीपावली, श्रावण मास, और धनत्रयोदशी के दिन किया जाता है। यह पूजन धन, ऐश्वर्य, सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रीय विधियों से पूजन किया जाता है जिसमें प्रतिष्ठा से लेकर आरती और पुष्पांजलि तक का संपूर्ण विधान होता है।
🌼 महालक्ष्मी पूजन की सम्पूर्ण विधि (Step-by-step Pujan Vidhi)
1. प्रतिष्ठा एवं ध्यान
- पूजा स्थल को शुद्ध कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
- लक्ष्मीजी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
- ध्यान मंत्र का उच्चारण कर उनका आह्वान करें।
2. आवाहन और आसन
- देवी को मन से बुलाएं (आवाहन) और आसन प्रदान करें।
- "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" कहते हुए पुष्प अर्पित करें।
3. पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान विधि
- पाद्य (पैर धोना), अर्घ्य (हाथों में जल), आचमन (जल ग्रहण) दें।
- स्नान क्रम:
- जल स्नान
- दूध स्नान
- दही स्नान
- घृत (घी) स्नान
- मधु (शहद) स्नान
- शक्कर स्नान
- पंचामृत स्नान
- गंधोदक स्नान
- शुद्ध जल स्नान
4. वस्त्र, आभूषण और श्रृंगार
- देवी को वस्त्र व उपवस्त्र अर्पित करें।
- आभूषण, गंध, रक्त चंदन, सिंदूर, कुमकुम से श्रृंगार करें।
5. पुष्प अर्पण और विशेष पूजन
- पुष्पुसार: विभिन्न पुष्पों से पूजन।
- नक्षत्र पूजन: नक्षत्रों की कृपा के लिए।
- अष्ट सिद्धि एवं अष्ट लक्ष्मी पूजन: सभी आठ लक्ष्मी स्वरूपों और सिद्धियों की पूजा।
6. धूप, दीप, नैवेद्य और ऋतु फल
- धूप, दीप जलाएं।
- ऋतु फल, तांबूल (पान-सुपारी), मिठाई आदि अर्पित करें।
7. दक्षिणा और समर्पण
- अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा अर्पित करें।
- निराजन (घी का दीप) से आरती करें।
8. विशेष पूजन और विधान
- देहली पूजन – घर की देहली पर दीप जलाकर पूजन।
- विनायक पूजन – गणेशजी को पहले पूजें।
- महाकाली पूजन – बुराई से रक्षा हेतु।
- लखनी पूजन – समृद्धि और रक्षण हेतु।
- महा सरस्वती पूजन – विद्या और बुद्धि की देवी।
- पंजिका, बही-खाता पूजन – व्यापारियों के लिए विशेष।
9. कुबेर पूजन और तुला मान
- धन के देवता कुबेर की पूजा करें।
- तुला और मान (तौल उपकरण) की पूजा, व्यापार में संतुलन हेतु।
10. दीपमालिका पूजन
- पूरे घर में दीप जलाएं – अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक।
11. छिपकली सुकून मंत्र
- घर में शांति बनाए रखने हेतु छिपकली सुकून मंत्र का जप।
12. मंत्र, पुष्पांजलि और आरती
- महालक्ष्मी मंत्रों से पुष्पांजलि अर्पित करें।
- अंत में माँ लक्ष्मी की आरती करें – "जय लक्ष्मी माता"।
🔮 महालक्ष्मी पूजन के लाभ
- आर्थिक समृद्धि
- कर्ज मुक्ति
- पारिवारिक सुख-शांति
- व्यापार में उन्नति
- जीवन में स्थिरता और सौभाग्य
📌 महत्वपूर्ण सुझाव:
- पूजन करते समय पूर्ण श्रद्धा, स्वच्छता और नियमों का पालन करें।
- व्रत या उपवास रखना और लक्ष्मी कथा का श्रवण भी लाभकारी होता है।
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