🌟 नवग्रह शांति यज्ञ से पुत्र प्राप्ति का रहस्य
वेदों एवं पुराणों में बताया गया है कि नवग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। यदि किसी दंपत्ति को संतान नहीं हो रही है या पुत्र की इच्छा है, तो नवग्रह शांति यज्ञ अत्यंत प्रभावशाली उपाय सिद्ध हो सकता है।
📿 नवग्रहों का संतान पर प्रभाव:
- गुरु (बृहस्पति) – संतान का मुख्य कारक
- चंद्रमा – गर्भस्थ शिशु की वृद्धि और मनोदशा
- शुक्र – प्रजनन शक्ति और दाम्पत्य सुख
- राहु-केतु – संतान बाधा के मुख्य ग्रह
इन ग्रहों की अशांति से संतान में विलंब, गर्भपात या शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
🔥 नवग्रह शांति यज्ञ की विधि:
- मुहूर्त चयन – किसी योग्य पंडित से शुभ मुहूर्त निकलवाएं (गुरुवार या रविवार विशेष शुभ माने जाते हैं)
- संकल्प – दंपत्ति यज्ञ से पहले संतान प्राप्ति की मनोकामना का संकल्प लें
- नवग्रह मंडल स्थापना – नवग्रहों की पूजन सामग्री जैसे रंग, फूल, धूप-दीप के साथ पूजन करें
- हवन सामग्री – गाय का घी, नवग्रह समिधा, हवन कुंड, देशी गाय के गोबर से बने उपले
- नवग्रह बीज मंत्र जप – प्रत्येक ग्रह का 108 बार बीज मंत्र जप करें
- विशेष मंत्र –
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चनसंनिभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥
🌿 अन्य पूरक उपाय:
- गाय को गुड़ और चने का दान करें (गुरुवार)
- पुत्रदा एकादशी का व्रत रखें
- अशोक के फूलों से हवन करें
- बाल गोपाल की सेवा करें
🙏 सावधानियाँ:
- यज्ञ हमेशा अनुभवी ब्राह्मण से कराएं
- संयमित आहार-विहार रखें
- पति-पत्नी दोनों श्रद्धा से यज्ञ में भाग लें
- सात्विक जीवनशैली अपनाएं
📌 निष्कर्ष:
यदि आप संतान विशेषकर सुंदर और संस्कारी पुत्र की प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं, तो नवग्रह शांति यज्ञ एक प्रभावशाली वैदिक उपाय है। नियमित पूजा, संयमित जीवन और ईश्वर पर विश्वास से संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है।
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