वशीकरण प्रयोग क्या है?
वशीकरण प्रयोग प्राचीन तांत्रिक और वैदिक विधाओं में से एक है। इसका उपयोग साधक अपने जीवन में सुख, समृद्धि, प्रेम और आकर्षण की प्राप्ति के लिए करते हैं। यह एक सिद्ध और अनुभूत प्रयोग है जिसे सही नियम और विधि से किया जाए तो अत्यंत फलदायी होता है।
वशीकरण प्रयोग के लिए आवश्यक सामग्री
- मंत्रसिद्ध प्राण-प्रतिष्ठायुक्त धातु निर्मित श्रीयंत्र
- कनकधारा यंत्र
- कुबेर यंत्र
- केसर
- अगरबत्ती
- शुद्ध घी का दीपक
जप के लिए आवश्यक नियम
- माला: वैजयंती माला
- समय: दिन या रात का कोई भी समय
- आसन: सफेद रंग का सूती आसन
- दिशा: पूर्व दिशा
- जप संख्या: 21,000 (इक्कीस हजार)
- अवधि: जो भी संभव हो
वशीकरण मंत्र
👉 ॐ नमो कुबेराय वैश्रवणाय अक्षय समृद्धिं देहि देहि कनक-धारायै नमः।
वशीकरण प्रयोग की विधि
- किसी भी रविवार से यह प्रयोग प्रारम्भ करें।
- सामने सफेद वस्त्र बिछाकर बीच में कुबेर यंत्र, दायीं ओर श्रीयंत्र और बायीं ओर कनकधारा यंत्र स्थापित करें।
- यंत्रों पर केसर से तिलक लगाकर पुष्प अर्पित करें।
- सामने अगरबत्ती और दीपक जलाएँ।
- वैजयंती माला से ऊपर दिया गया मंत्र जाप करें।
वशीकरण प्रयोग का महत्व और लाभ
- यह प्रयोग जीवन में समृद्धि, सुख और धन वृद्धि प्रदान करता है।
- साधक के जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती।
- सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- घर और परिवार में सुख-शांति और ऐश्वर्य बना रहता है।
- कुबेर की कृपा से भंडार सदैव भरे रहते हैं।
सावधानियाँ
- इस प्रयोग को शुद्ध मन और आस्था के साथ करें।
- किसी भी प्रकार की बुरी नीयत से प्रयोग न करें।
- मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद तीनों यंत्रों को पूजास्थल पर ही रखें।
निष्कर्ष
वशीकरण प्रयोग केवल साधना मात्र नहीं बल्कि एक सिद्ध तांत्रिक विधि है, जिसके माध्यम से साधक अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव कर सकता है। यदि इसे सही नियम और श्रद्धा से किया जाए तो यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
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