जानिए अखरोट के चमत्कारी फायदे – हकलाना, कफ, पित्त और कमजोरी का रामबाण इलाज

Sachinta maharaj



🟢 अखरोट: एक दिव्य औषधि – बल, वीर्य और रोग नाशक गुणों से भरपूर | Walnuts in Ayurveda

🔶 नाम (Name):
अखरोट को संस्कृत में अक्षोट, स्नेहफल , रेखाफल , गुजराती  अखोड़ , मराठी  अकोर्ट , तेलगु अक्षोलमु  कहते हैं । अंग्रेज़ी में इसे Walnut कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Juglans regia है।

🔶 प्राप्ति स्थान (Origin & Availability):
अखरोट मुख्यतः हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में उत्पन्न होता है। यह विदेशों में ईरान, अफगानिस्तान, अमेरिका और चीन में भी उगाया जाता है।  इसका पेड़ 50 से 100 फीट तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते कगुरे वाले बड़ेेेेेेे चार से 8 इंच लंबे चौड़ाई में आधे अंडाकार होतेेहैं। अखरोट मेंं दबी धारियां होती है ओर अंदर से यह सफेद गिरी जैसा निकलता है।

🔶 पहचान (Identification):
अखरोट का पेड़ मध्यम आकार का होता है। इसका फल सख्त खोल वाला होता है जिसके अंदर मस्तिष्क-नुमा गिरी होती है। यह गिरी ही औषधीय और पोषक तत्वों से भरपूर होती है।

🔶 उपयोग (Medicinal Uses):

  1. बल व वीर्य वर्धक: अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और ज़िंक प्रचुर मात्रा में होते हैं जो शारीरिक बल और वीर्य को बढ़ाते हैं। यह पुरुषों की कमजोरी दूर करने में उपयोगी है।
  2. हकलाना और वाणी दोष: बच्चों में हकलाने या वाणी की समस्या में इसका उपयोग लाभदायक होता है। इसके तेल का प्रयोग जीभ पर करने से लाभ मिलता है।
  3. कफ-पित्त विकार: अखरोट गर्म तासीर का होता है, जिससे यह कफ और पित्त विकारों में राहत देता है।
  4. वात-पित्त नाशक: यह वात और पित्त दोषों को संतुलित करता है। शरीर में सूजन, जोड़ो का दर्द आदि में लाभदायक है।
  5. मानसिक शक्ति व स्मृति: अखरोट का नियमित सेवन मस्तिष्क को पोषण देता है और स्मरण शक्ति बढ़ाता है।

🔶 विशेष (Special Benefits):

  • हृदय स्वास्थ्य: हृदय को स्वस्थ बनाए रखता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
  • त्वचा व बालों के लिए उत्तम: इसके तेल से त्वचा चमकदार बनती है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
  • डायबिटीज़ में सहायक: रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित करता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट गुण: इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं।
  • विशेष यह गर्म प्राकृतिक वालों के लिए क्षितकारक है। इसका हानि प्रभाव अनार के रस से समाप्त होता है।

🔶 प्रयोग विधि (How to Use):

  • प्रतिदिन 2-3 अखरोट की गिरी सुबह भीगे हुए रूप में खा सकते हैं।
  • पत्तों का काढे बनाने से गंड माला का रोग खत्म होता है। 
  • मुंह में चबाकर दाद पर लगाने से दाद का रोग नष्ट होता है।
  • शरीर में सूजन होने पर इसके चार तोले तेल को गोमूत्र में डालकर पीने से सूजन खत्म होती है।
  • अखरोट तेल का प्रयोग मालिश व वाणी दोषों के उपचार में किया जाता है।
  • पाउडर बनाकर दूध में मिलाकर सेवन करना लाभदायक होता है।

🟡 निष्कर्ष (Conclusion):
अखरोट एक चमत्कारी प्राकृतिक औषधि है जो न केवल शारीरिक बल और वीर्य बढ़ाता है, बल्कि मस्तिष्क, हृदय और वात-पित्त रोगों में भी अत्यंत उपयोगी है। आयुर्वेद में इसका विशेष स्थान है।


AkhrotKeFayde. Ayurveda. WalnutBenefits. बलवर्धकआहार. वातपित्तनाशक. हकलानेकामुल्यउपाय. अखरोटऔषधि.

To Top