अनन्तमूल (Indian Sarsaparilla): आयुर्वेदिक चमत्कारी औषधि, गुण व उपयोग

Sachinta maharaj

🌿 अनन्तमूल: आयुर्वेदिक गुण, फायदे और उपयोग | Indian Sarsaparilla

अनन्तमूल क्या है? Indian Sarsaparilla Benefits,

अनन्तमूल जिसे संस्कृत में उपल सारिका, बंगाली में अनन्तमूल, मराठी में उफरसाल और अंग्रेज़ी में Indian Sarsaparilla कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है।
भारत में यह हिमालय से लेकर साउथ इंडिया तक पहाड़ी और समतल प्रदेशों में आसानी से पाया जाता है।


🌱 पहचान

  • इसकी लताएँ गहरे लाल रंग की होती हैं।
  • पत्तियाँ तीन-चार उँगल लंबी व जामुन के पत्तों जैसी होती हैं।
  • पत्ते तोड़ने पर इनमें से दूध निकलता है।
  • फूल छोटे और सफेद होते हैं।
  • इसकी जड़ लंबी, गोल और टेढ़ी-मेढ़ी होती है, जिसकी छाल लाल और अंदर से सुगंधित होती है।

🌿 आयुर्वेदिक गुण Anantmul in Ayurveda, 

अनन्तमूल शीतल, मधुर, शुक्रजनक, बलवर्धक और रक्तशोधक औषधि है।
यह कफ़, ज्वर, खाँसी, श्वास, त्वचा रोग, मूत्र विकार, वंध्यत्व और रक्तविकार जैसी समस्याओं में लाभकारी है।

  • यह मूत्रवर्धक और पसीना लाने वाली है।
  • इसका प्रयोग प्रजनन शक्ति बढ़ाने और त्वचा की चमक के लिए भी किया जाता है।
  • इसका पाउडर, काढ़ा और जड़ विशेष रूप से औषधीय कार्यों में लिया जाता है।

🌟 अनन्तमूल आयुर्वेदिक औषधियाँ के प्रमुख उपयोग Ayurvedic Herbs for Immunity

1️⃣ बच्चों के लिए यह वनस्पति अमृत समान है। वायु विकार से ग्रसित बच्चों को जीवनदान देती है।
2️⃣ पत्तों को जलाकर राख बनाकर शहद के साथ आँख में लगाने से आँख की सूजन दूर होती है।
3️⃣ जड़ को पानी में घिसकर पीने से सर्पदंश में लाभ होता है।
4️⃣ दूध के साथ इसका चूर्ण देने से बवासीर में लाभ होता है।
5️⃣ इसके फूल का पानी पीने से रुका हुआ पेशाब आना शुरू हो जाता है।
6️⃣ पथरी और मूत्र पीड़ा में इसका दूध के साथ सेवन अत्यंत लाभकारी है।
7️⃣ कुष्ठ, फोड़े-फुंसी और त्वचा रोगों में अनन्तमूल का काढ़ा कारगर है।
8️⃣ वीर्य और मूत्र सम्बन्धी रोगों को दूर करने के लिए इसकी छोटी जड़ का लेप प्रयोगी है।
9️⃣ स्त्रियों में गर्भपात की समस्या में इसका शीतल काढ़ा अमृत समान कार्य करता है।
🔟 पत्तों को पीसकर दाँतों पर लगाने से दाँत दर्द और दंत रोग दूर होते हैं।


✅ निष्कर्ष

अनन्तमूल एक अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर की शुद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता, प्रजनन शक्ति और त्वचा रोगों में चमत्कारिक प्रभाव डालती है।
आयुर्वेद में इसे अमृत समान औषधि माना गया है।



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