🌿 अंकोल (Ankol): अद्भुत औषधीय गुण, पहचान, फायदे और उपयोग
✨ परिचय
अंकोल (Ankol) एक बहुउपयोगी औषधीय वृक्ष है जिसका वर्णन आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में मिलता है। संस्कृत में इसे अंकोलम, मराठी-गुजराती में अंकोल, बंगाली में आंकोड़, तेलुगु में बुडुगा तथा द्रविड़ भाषाओं में अंकोलम कहा जाता है। यह पेड़ पूरे भारतवर्ष के जंगलों में पाया जाता है और आयुर्वेदिक औषधियों में इसका विशेष महत्व है।
🌳 पहचान
- ऊँचाई: 25 से 40 फीट
- गोलाई: 2.5 फीट तक
- शाखाएँ: सफेद रंग की
- पत्ते: 3–6 इंच लंबे, 1–2 अंगुल चौड़े, कनैर के पत्तों जैसे
- फल: कच्चे फल नीले, पकने पर जामुन जैसे बैंगनी रंग के
- स्वाद: खट्टा और कड़वा
🌿 आयुर्वेदिक गुण
अंकोल की जड़, छाल, पत्ते और बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।
- कड़वा, कसैला, हल्का और गर्म प्रकृति का
- पाचन शक्ति बढ़ाने वाला
- कफ, वात, शूल, सूजन और बुखार दूर करने वाला
- विषनाशक – विशेषकर साँप और बिच्छू के विष में उपयोगी
- हृदय रोग, रक्त विकार और त्वचा रोगों में लाभकारी
⚕️ यूनानी चिकित्सा में अंकोल
यूनानी मतानुसार अंकोल को गर्म और तर माना गया है।
- ताकत बढ़ाने वाला
- पेट दर्द और वायु विकार दूर करने वाला
- विषहर औषधि के रूप में प्रसिद्ध
- फल ठंडा, पौष्टिक और शरीर को मजबूत बनाने वाला
🍃 अंकोल के मुख्य उपयोग
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दमा (Asthma) में लाभकारी
अंकोल की जड़ और नींबू के रस को मिलाकर सेवन करने से दमा जैसे रोगों में राहत मिलती है। -
साँप के विष का नाशक
अंकोल की जड़ को पानी में उबालकर पीने से साँप का विष उतर जाता है। -
त्वचा रोगों में उपयोगी
अंकोल की जड़ की छाल का लेप लगाने से कुष्ठ रोग, दाद, फोड़े-फुंसी, और चर्म रोगों में लाभ होता है। -
कीड़े-मकौड़ों के काटने पर
अंकोल की छाल को पीसकर लगाने से जहर और सूजन दूर होती है। -
बालों और त्वचा के लिए
इसका तेल बाल झड़ना, सफेद बाल, और सिर की खुजली में फायदेमंद है।
✅ निष्कर्ष
अंकोल एक दिव्य औषधीय वृक्ष है जिसके जड़, पत्ते और फल स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं। यह न केवल साँप-बिच्छू के विष को नष्ट करता है, बल्कि दमा, कफ-वात रोग, त्वचा विकार, और हृदय रोगों में भी प्रभावी है।
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