विजयादशमी: दशहरा का महत्व, रावण वध, दुर्गा पूजा और सरल ज्योतिषीय उपाय

Sachinta maharaj

विजयादशमी (दशहरा)  महत्व, इतिहास, ज्योतिषीय उपाय और वेदिक पूजा

विजयादशमी का महत्व

विजयादशमी, जिसे दशहरा या दसरा कहा जाता है, भारत और नेपाल का एक प्रमुख त्योहार है। यह हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसे असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व माना जाता है।


  • इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर माता सीता को मुक्त कराया।
  • इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर देवताओं को अत्याचार से बचाया।
  • नेपाल में इसे दशैं के नाम से धूमधाम से मनाया जाता है।

विजयादशमी क्यों मनाई जाती है?

  • रामलीला और रावण दहन: भारत के कई राज्यों में दशहरा पर रामलीला का आयोजन होता है और रावण, कुम्भकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाता है।
  • दुर्गा विसर्जन: बंगाल और पूर्वी भारत में नवरात्रि के बाद माँ दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन कर विजयादशमी मनाई जाती है।
  • नेपाल का दशैं: नेपाल में दशैं 15 दिनों तक मनाया जाता है और इसमें देवी दुर्गा की विशेष पूजा होती है।

ज्योतिषीय महत्व और उपाय

विजयादशमी का दिन शुभ मुहूर्त और विजय प्राप्ति के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। इस दिन किए गए उपाय शीघ्र फल देते हैं।

सरल उपाय (Totke)

  1. धन लाभ के लिए – शमी वृक्ष की पूजा करें और तांबे के सिक्के चढ़ाएँ।
  2. रोग शांति के लिए – नीम की पत्तियों को घर में रखें और परिवार पर हल्का जल छिड़कें।
  3. शत्रु नाश के लिए – हनुमान चालीसा का 21 बार पाठ करें।
  4. सफलता के लिए – इस दिन नया कार्य आरंभ करना अत्यंत शुभ होता है।
  5. नजर दोष से बचने के लिए – नींबू-लौंग का टोटका करें और चौराहे पर रख दें।

वेदिक पूजा और अनुष्ठान

  • इस दिन माँ दुर्गा, भगवान श्रीराम और हनुमान जी की विशेष पूजा करनी चाहिए।
  • घर में गंगा जल से शुद्धिकरण कर दीपक जलाएँ।
  • शस्त्रों और औजारों की पूजा करने की परंपरा भी दशहरे पर विशेष मानी जाती है।
  • संतान की उन्नति और परिवार की समृद्धि के लिए विजयादशमी पर दुर्गा सप्तशती का पाठ उत्तम माना जाता है।

विजयादशमी से मिलने वाला संदेश

विजयादशमी हमें सिखाती है कि चाहे बुराई कितनी ही शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः विजय सत्य और धर्म की ही होती है। यह पर्व जीवन में साहस, आस्था, शक्ति और धैर्य के महत्व को दर्शाता है।


निष्कर्ष

विजयादशमी केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय ऊर्जा का दिन है। इस दिन पूजा-पाठ, टोटके और वेदिक उपाय करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान मिल सकता है।


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