संकट निवारण के सरल उपाय – श्री महालक्ष्मी यंत्र से हर संकट से मुक्ति पाएँ
🌺 महालक्ष्मी यंत्र का महत्व
श्री लक्ष्मीजी संसार के समस्त भौतिक सुखों की स्वामिनी, धन-संपदा की देवी और वैभव-सम्मान की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। जब लक्ष्मीजी की कृपा प्राप्त हो जाती है, तो व्यक्ति का हर संकट समाप्त हो जाता है। विशेष रूप से अर्थ संकट सबसे बड़ा संकट माना गया है, जिसका निवारण करने में श्री महालक्ष्मी यंत्र सर्वोत्तम साधन है।
✅ महालक्ष्मी यंत्र कैसे बनाएं और पूजा करें?
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साधना के लिए सामग्री:
साधक जप, ताम्रपत्र, भोजपत्र, रजतपत्र या स्वर्णपत्र का उपयोग कर सकता है।
परंपरा अनुसार ताम्रपत्र अथवा भोजपत्र पर यंत्र रचना अधिक प्रभावी मानी जाती है। -
लेखन विधि:
अनार की कलम और अस्टांग धागे की स्याही का प्रयोग करें। -
यंत्र स्थापना:
यंत्र को पीले आसन पर प्रतिष्ठित करें। उसके चारों ओर दीपक जलाएं, धूप करें और नैवेद्य अर्पित करें। -
मंत्र का जप:
पूजा के बाद श्रद्धापूर्वक निम्न मंत्रों में से किसी एक का जप करें:- 🙏 ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः
या - 🙏 ॐ श्री श्री श्री कमले कमलालये प्रसिद्ध प्रसिद्ध श्री महालक्ष्म्यै नमः
इस मंत्र का 11 माला का जाप करें। जाप करते समय यंत्र के सामने अखण्ड दीप जलता रहे।
- 🙏 ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः
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जप संकल्प:
यंत्र की रचना केवल एक बार की जाती है। लेकिन उस यंत्र का नित्य पूजन करें। -
पूर्ण संकल्प:
जब जाप 1,25,000 बार पूर्ण हो जाए, तो यथासम्भव उसी मंत्र से हवन करके ब्राह्मण को भोजन कराएं। भोजन दक्षिणा स्वरूप दें।
💡 महालक्ष्मी यंत्र के प्रभाव
इस साधना से साधक को लक्ष्मीजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिससे:
- आर्थिक संकट समाप्त हो जाते हैं।
- वैभव, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति, परिवार में सौहार्द्र और जीवन में सुख-सम्पत्ति का स्थायी प्रवाह आता है।
✅ निष्कर्ष
श्री महालक्ष्मी यंत्र का पूजन और मंत्र जाप एक अति प्रभावशाली साधना है। यदि इसे सही विधि और श्रद्धा से किया जाए, तो व्यक्ति के सभी आर्थिक और सामाजिक संकट दूर हो जाते हैं। इसलिए आज ही इस पवित्र यंत्र की स्थापना करें और अपने जीवन में खुशहाली का प्रवेश करें।
👉 अगर आप भी आर्थिक संकट से परेशान हैं तो इस महालक्ष्मी यंत्र को बनवाएं और सही विधि से पूजन प्रारंभ करें।