आम्बर: लाभ, गुण, उपयोग और आयुर्वेदिक महत्व | Amber Benefits

Sachinta maharaj

 आम्बर : गुण, उपयोग और स्वास्थ्य लाभ Amber Benefits

आम्बर, जिसे संस्कृत में 'अग्निगार', फारसी में 'अम्बर शाहब', अरबी में 'अम्बर' और तमिल में 'निम्मक' भी कहा जाता है, समुद्री तटों पर पाया जाने वाला एक मोम-जैसा पदार्थ है। यह मुख्यतः लाल सागर, ब्राज़ील और अफ्रीका के समुद्र तटों पर अधिक मात्रा में तैरता हुआ मिलता है।

आम्बर की पहचान

  • आम्बर मोम जैसा पीला, गुलाबी, धूसर या काला रंग लिए होता है।
  •  शुद्ध आम्बर हल्का और खाने में मीठा लगता है, जबकि अशुद्ध आम्बर स्वाद में भिन्नता दिखाता है।
  • पारंपरिक तौर पर, आम्बर की शुद्धता जानने के लिए उसके कुछ टुकड़े तवे पर डालने या आग पर रखने पर सुगंधित धुआँ निकलना चाहिए।

आम्बर के महत्वपूर्ण गुण

  • आयुर्वेद के अनुसार, आम्बर कटु, उष्णवीर्य, लघुपाकी और वात-कफ वाले दोषों को नियंत्रण में लाता है।
  • यह हृदय, धातु, अवसाद, सर्दी-खांसी, अस्थमा, पेशाब व आमाशय की सभी समस्याओं में लाभकारी पाया गया है।यह स्मरण-शक्ति को बढ़ाने में भी कारगर है।

उपयोग और फायदे

  • आम्बर सर्वाधिक मिर्गी, अपस्मार, आधाशीष और स्नायु रोगों के लिए उपयोगी है।
  • इसे शहद के साथ चाटने से मानसिक तनाव व स्मृति दुर्बलता दूर होती है।
  • अन्य रोगों जैसे अस्थमा व श्रमजन्योत्पन्न थकावट के लिए आम्बर को अश्वगंधा, जायफल आदि के साथ मिलाना फायदेमंद रहता है।पेट, छाती, खांसी तथा मुंह के रोगों में लाभकारी है।

सावधानियां

  • जिनको आँतों की समस्या या रोग हो, उन्हें आम्बर का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • औषधीय प्रयोग करने से पूर्व विशेषज्ञ सलाह आवश्यक है।

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