🌿 अम्बरवेद गुण, उपयोग और औषधीय महत्व Amberved Benefits, Uses & Ayurvedic Importance
फारसी नाम: अम्बरवेद
अरबी नाम: गुले अर्बज यादाह
प्राप्ति स्थान: अरबियन गल्फ (Arabian Gulf)
🔍 अम्बरवेद की पहचान (Identification)
अम्बरवेद का पौधा लगभग एक फुट ऊँचा होता है। इसके फूलों में पीलेपन लिए हुए सफेद रंग और पत्ते सफेद, पतले तथा रोएंदार होते हैं। इसके फूलों में बीज भरे रहते हैं, जो सिर के बालों के गुच्छे जैसे लगते हैं।
यह पौधा दो प्रकार का होता है — छोटा और बड़ा।
भारत में इसकी उत्पत्ति नहीं होती, बल्कि यह अरब देशों में पाया जाता है।
🌿 गुण एवं उपयोग (Properties and Uses)
अम्बरवेद दूसरे दर्जे में गर्म और रूक्ष होता है। यह कई प्रकार की बीमारियों और स्थितियों में लाभकारी है:
🔸 औषधीय गुण:
- मूत्रनिस्सारक (Diuretic): मूत्र संबंधी विकारों को दूर करता है।
- आर्तव प्रवर्तक (Emmenagogue): मासिक धर्म को नियमित करता है।
- जलोदर (Dropsy) में उपयोगी।
- कृमिनाशक (Anthelmintic): पेट के कीड़ों को नष्ट करता है।
- बुद्धिवर्धक: बुद्धि को तीव्र करता है और विस्मृति (भूलने की बीमारी) को दूर करता है।
- संधिशूल (Joint Pain) और मूत्रावरोध (Urinary Retention) में लाभकारी।
- घाव भरने वाला (Wound Healer): इसके ताजे पत्तों का लेप घावों को जल्दी भरता है।
- कीटनाशक (Insect Repellent): इसकी धूनी देने से हानिकारक कीड़े-मकोड़े और जानवर दूर रहते हैं।
🔸 अन्य उपयोग:
- अंजन (Eye Application): आँखों की दृष्टि को तेज करता है।
- गर्भाशय की शुद्धि: गर्भाशय को शुद्ध करने में सहायक।
- प्लीहा (Spleen) की सूजन को नष्ट करता है।
⚠️ सावधानी (Precautions)
- यह औषधि अमाशय (Stomach) और मस्तक (Brain) के लिए हानिकारक हो सकती है, इसलिए चिकित्सकीय सलाह के बिना उपयोग न करें।
🧘♀️ आयुर्वेदिक महत्व (Ayurvedic Importance)
अम्बरवेद का उल्लेख आयुर्वेद में इसके ताप गुण और कृमिनाशक प्रभाव के लिए किया गया है। यह शरीर से विषैले तत्वों को निकालने, स्मरण शक्ति बढ़ाने और मूत्र विकारों को ठीक करने में मदद करता है।