🪔 यमदीप 2025: परिवार की सुरक्षा हेतु यमराज को अर्पित दीपदान का महत्व और पूजन विधि
✨ यमदीप क्या है?
दीवाली से एक दिन पहले धनतेरस या त्रयोदशी तिथि को सायंकाल के समय एक दीपक घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में जलाया जाता है।
यह दीप मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है और इसे “यम दीपदान” या “यमदीप” कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि यह दीपक यमराज को प्रसन्न करता है और घर-परिवार के सभी सदस्यों को अकाल मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता है।
🪔 यमदीप का धार्मिक महत्व
पुराणों के अनुसार त्रयोदशी के दिन यमराज को दीपदान करने से मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
यह दीप पितरों की शांति और दीर्घायु की कामना से भी जुड़ा हुआ है।
दीप जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
📖 यमदीप की कथा (Yam Deep Daan Katha)
प्राचीन काल में राजा हिमराज की पुत्री यमुनोत्री का विवाह जब हुआ तो उसके पति की मृत्यु का योग बना था।
यमराज उसी दिन उनके प्राण लेने आए, लेकिन पुत्री ने अपने पति के चारों ओर दीप जलाकर रात्रि भर जागरण किया और भजन गाए।
यमराज उसकी भक्ति और प्रेम से प्रसन्न हुए और उसके पति का जीवन वापस कर दिया।
तभी से त्रयोदशी तिथि पर यमराज के नाम दीपदान करने की परंपरा चली आ रही है।
🙏 यमदीप पूजन विधि
- संध्याकाल या सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में दीप रखें।
- दीप में सरसों का तेल या तिल का तेल प्रयोग करें।
- दीप में चार बत्तियाँ रखें — चारों दिशाओं की सुरक्षा के प्रतीक।
- दीप जलाते समय मंत्र बोलें:
“मृत्युनां दंता हर: कालो यम: स्याद्यदि नान्यथा।
तस्मै दीपं प्रदास्यामि ग्रृहाण त्वं नमोऽस्तुते॥” - इसके बाद यमराज से परिवार की रक्षा और दीर्घायु की प्रार्थना करें।
🚫 क्या करें और क्या ना करें
✔️ करें:
- दीप मुख्य द्वार के बाहर दाहिनी ओर रखें।
- संध्याकाल में ही दीप जलाएं।
- मन में श्रद्धा और शांति रखें।
- घर के सभी दीप जलाने के बाद यमदीप जलाएं।
❌ ना करें:
- दीप को घर के भीतर न रखें।
- दीप बुझने से पहले इधर-उधर न जाएं।
- दीपदान के समय क्रोध या वाद-विवाद न करें।
- दीप में घी का उपयोग न करें — केवल तिल या सरसों का तेल शुभ माना गया है।
🌅 यमदीप का शुभ मुहूर्त
- तिथि: धनतेरस / त्रयोदशी
- समय: सूर्यास्त के बाद – प्रदोषकाल (संध्याकाल)
- दिशा: दक्षिण दिशा में दीप स्थापित करें
(सटीक समय पंचांग अनुसार स्थानीय सूर्यास्त समय से देखें)
🌍 Spiritual Message:
यमदीप केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन की नश्वरता की स्वीकृति और परिवार के प्रति प्रेम व सुरक्षा की भावना का प्रतीक है।
दीप जलाना अंधकार पर प्रकाश, भय पर विश्वास और मृत्यु पर अमरता की विजय का प्रतीक है।



