अर्जुन के औषधीय गुण और उपयोग | Arjun ke Aushadhiya Gun | हृदय रोग की अमूल्य औषधि

Sachinta maharaj

🌿 अर्जुन के औषधीय गुण | Arjun ke Aushadhiya Gun | हृदय रोग की अमूल्य औषधि 🌿

अर्जुन (Arjun Tree) का परिचय

हिन्दी नाम: अर्जुन
संस्कृत नाम: अर्जुन, कुकुभः
बंगाली: अर्जुन
मराठी: सादड़ा

अर्जुन वृक्ष भारत के लगभग सभी भागों में पाया जाता है — विशेषकर हिमालय की तलहटी, बंगाल, बिहार, मध्य भारत, बर्मा और छोटा नागपुर में। यह वृक्ष सामान्यतः 60 से 80 फीट ऊँचा होता है। इसकी छाल हल्की सफेद, खाकी या बैंगनी रंग की होती है, और इसमें से एक पारदर्शी सुनहरा गोंद निकलता है जो औषधीय उपयोग में लाया जाता है।



🌼 अर्जुन के गुण और प्रभाव (Arjun ke Gun aur Fayde)

आयुर्वेदिक दृष्टि से:
अर्जुन कसैला, मधुर, शीतल, बलवर्धक और हृदय रोग नाशक है।
यह कफ, पित्त, प्रमेह, पाण्डु, दाह, हृदय रोग, श्वास, रक्त विकार, घाव, अस्थिभंग, और विषबाधा में अत्यंत लाभकारी है।

सुश्रुत संहिता के अनुसार:
अर्जुन की राख सर्पदंश में काम आती है।
बिच्छू के डंक पर इसकी छाल उपयोगी है।
यह हृदय रोग की सर्वश्रेष्ठ औषधि मानी गई है।

यूनानी मतानुसार:
अर्जुन का छिलका कफनिस्सारक, मूत्रशोधक, पौष्टिक और कामोद्दीपक है।
यह घाव, अस्थिभंग, प्रमेह और मूत्र विकारों में अत्यंत उपयोगी है।


💊 अर्जुन के प्रमुख औषधीय उपयोग (Medicinal Uses of Arjun Tree)

  1. हृदय रोग (Heart Disease):
    अर्जुन की छाल का काढ़ा या चूर्ण दूध के साथ सेवन करने से हृदय मजबूत होता है।

  2. रक्तपित्त (Bleeding Disorders):
    अर्जुन की छाल को रातभर पानी में भिगोकर सुबह छानकर पीने से लाभ होता है।

  3. शुक्रमेह (Reproductive Disorders):
    अर्जुन की छाल या श्वेत चन्दन का काढ़ा शुक्रमेह में लाभकारी है।

  4. रक्तातिसार (Bloody Dysentery):
    बकरी के दूध में अर्जुन की छाल पीसकर उसमें दूध और शहद मिलाकर पीने से रक्तातिसार में लाभ मिलता है।

  5. क्षय (Tuberculosis with Blood Cough):
    अर्जुन छाल के चूर्ण में अडूसे के पत्तों का रस मिलाकर शहद या घी के साथ सेवन करने से खांसी और कफ में खून आने की समस्या में राहत मिलती है।

  6. मूत्राघात (Urinary Retention):
    अर्जुन की आंतरिक छाल का काढ़ा मूत्र रोगों में अत्यंत लाभकारी है।

  7. तीव्र हृदय रोग (Severe Heart Weakness):
    गेहूं, अर्जुन छाल, बकरी का दूध और गाय का घी मिलाकर पकाया हुआ मिश्रण शहद व मिश्री के साथ सेवन करने से हृदय को बल मिलता है।


🧠 आधुनिक दृष्टिकोण (Scientific Viewpoint):

हालांकि आधुनिक विज्ञान ने अभी तक अर्जुन में हृदय को बल देने वाला रसायन नहीं पाया है, फिर भी डॉ. घोषाल, केस और आयजक जैसे वैज्ञानिकों ने इसे हृदय रोग की अमूल्य औषधि बताया है।


⚕️ निष्कर्ष:

अर्जुन वृक्ष न केवल हृदय को मजबूत करता है बल्कि यह शरीर को अंदर से ऊर्जा, शुद्धता और स्फूर्ति भी प्रदान करता है। यह भारत की उन दुर्लभ औषधियों में से एक है जो आयुर्वेद और यूनानी दोनों पद्धतियों में समान रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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