Latest Update

6/recent/ticker-posts

Advertisement

कार्तिक मास शुरू हो रहा है || कार्तिक मास का महत्व || Kartik Maas 2020 ||

 कार्तिक मास क्या है? Kartik Maas 2020

कार्तिक मास को सनातन धर्म में बड़ा ही महत्वपूर्ण माना गया है कार्तिक मास शरद पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक की गई पूर्णिमा तक चलता है। इस माह में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान पूजा-पाठ व दान का विधान है। सनातन पंचांग के अनुसार कार्तिक मास आठवां महीना माना गया है। शास्त्रों में कार्तिक मास की महिमा देवता ने भी मानी है।

कार्तिक मास का महत्व

धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह को बड़ा ही पवित्र माह गया है । इस मास को जगत के पालनहार भगवान विष्णु का महीना माना गया है। इस मास में स्नान, पूजा, पाठ, वह दान का अधिक विधान है। इस माह में पूजा पाठ करने से 10 गुना अधिक फल प्राप्त होता है भगवान जल्द ही प्रसन्न होते हैं। कार्तिक मास का एक यह मत भी है कि भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने नरकासुर का वध किया था उस पर विजय प्राप्त करने से इस मास का नाम कार्तिक मास पड़ा। कार्तिक मास को मोक्ष का द्वार भी माना गया है।

कार्तिक मास कब से शुरू हो रहा है?

कार्तिक मास इस साल शरद पूर्णिमा के बाद 1 नवंबर 2020 से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर 2020 तक चलेगा ।

कार्तिक मास में पूजा कैसे करें?

कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त के समय प्रतिदिन पवित्र नदियों में स्नान करने को बताया गया है परंतु नदियों में स्नान करना संभव नहीं हो तो घर में भी आप स्नान कर सकते हैं आप अपने स्नान की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। 

कार्तिक मास में तुलसी पूजन का बड़ा महत्व माना गया है तुलसी पौधे में भगवान विष्णु लक्ष्मी कुबेर कि अधिक कृपा होती है इसलिए तुलसी पूजन करना जरूरी होता है। तुलसी के पौधे को सजाएं और स्वास्तिक बनाएं। तुलसी के पौधे में दीपक, धूप, सिंदूर, रोली, चावल, पुष्प, फल, मिठाई, आदि का भोग लगाना चाहिए। कार्तिक मास में मंदिर में दीपदान व कार्तिक महत्तम की कथा पढ़ने का भी विधान है।

कार्तिक मास के नियम

01 :- कार्तिक मास के नियम अनुसार नदी किनारे या मंदिर में दीप दान करें।

02 :- कार्तिक मास में तुलसी पूजन व सेवन आराधना करना अधिक शुभ माना गया है

03 :- कार्तिक मास में शरीर पर तेल लगाना वर्जित होता है

04 :- कार्तिक मास में घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है। 

05 :- कार्तिक माह में ब्रह्मचारी नियम का पालन करें इस नियम का दोष पति पत्नी को नहीं लगता है।

06 :- अपनी आवश्यकता के अनुसार गरीबों को भोजन का दान करें।

07 :- कार्तिक मास में प्याज लहसुन का सेवन आदि से बचें

08 :- कार्तिक मास में उड़द की दाल का प्रयोग निषेध होता है।

09 :- कार्तिक मास में अपने मन को शुद्ध रखकर भगवान का भजन करें।

10 :- कार्तिक मास में अपने माता पिता और गुरु की सेवा करें।

कार्तिक मास में मुख्यता कितने त्यौहार आते हैं

कार्तिक मास में मुख्यता 13 त्यौहार आते हैं करवाचौथ, अहोईअष्टमी, रामा एकादशी, धनतेरस, नरक चौदस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, छठपूजा, गोपाअष्टमी, अक्षयनवमी, देवउठानी एकादशी, तुलसी विवाह, आदि

Post a Comment

0 Comments