अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग: धन, सफलता और समृद्धि का दिव्य मंत्र

Sachinta maharaj

अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग | धन, सुख और सफलता का दिव्य मंत्र

अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग को सभी मंत्रों में श्रेष्ठ माना गया है। इस प्रयोग के माध्यम से साधक को जीवन में सभी भोगों और इच्छाओं की सहज प्राप्ति हो सकती है। शास्त्रों में वर्णित यह दिव्य मंत्र साधक को न केवल भौतिक सुख-संपत्ति प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और लक्ष्मी की कृपा भी दिलाता है।


अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग क्या है?

यह प्रयोग एक अत्यंत शक्तिशाली और सिद्ध साधना है। इसके लिए आवश्यक है कि साधक अपने घर या साधना स्थल पर दिव्य मंत्रसिद्ध प्राण प्रतिष्ठित श्रीयंत्र स्थापित करे।

  • श्रीयंत्र को लाल कपड़े पर रखें।
  • उसके सामने सुगंधित अगरबत्ती जलाएं।
  • प्रतिदिन कमलगट्टे की माला से 5 माला जप करें।

मंत्र

साधना का मूल मंत्र इस प्रकार है:

ॐ ह्रीं श्रीं अन्नं मध्ये मे देहन्नघिपत्ये ममन्नं प्रदापय स्वाहा। श्रीं ह्रीं ॐ।


साधना विधि

  1. साधक को 10,000 मंत्र जप करने होंगे।
  2. जप पूर्ण होने पर साधक को पूर्णता एवं अनुकूलता की प्राप्ति होती है।
  3. इसके बाद श्रीयंत्र को तिजोरी में रखें।
  4. माला को बहते हुए जल में प्रवाहित करें।

लाभ

यह मंत्र और साधना साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाने वाला है:

  • आर्थिक उन्नति
  • व्यवसाय में वृद्धि
  • लक्ष्मी प्राप्ति
  • पारिवारिक सुख-शांति
  • जीवन के सभी प्रकार की समृद्धि

इस साधना (अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग) को करते समय क्या करें और क्या ना करें का पालन बहुत जरूरी है। यहाँ स्पष्ट मार्गदर्शन दिया गया है:

✅ क्या करें (Do’s)

1. शुद्धता बनाए रखें – साधना स्थान और अपने शरीर को स्वच्छ रखें।

2. लाल वस्त्र धारण करें और लाल आसन पर बैठकर जप करें।

3. श्रीयंत्र को लाल कपड़े पर रखकर सामने दीपक और सुगंधित अगरबत्ती जलाएँ।

4. कमलगट्टे की माला से प्रतिदिन कम से कम 5 माला जप करें।

5. साधना के समय मन को एकाग्र और सकारात्मक रखें।

6. जप के बाद भगवान को आभार व्यक्त करें और प्रसाद अर्पित करें।

7. साधना पूरी होने के बाद माला को बहते जल में प्रवाहित करें और श्रीयंत्र को तिजोरी में रखें।

❌ क्या ना करें (Don’ts)

1. साधना के समय मांस, मदिरा या नशे का सेवन न करें।

2. किसी को तिरस्कार, अपमान या बुरा बोलने से बचें।

3. साधना अधूरी छोड़कर बीच में न उठें।

4. मंत्र जप को लापरवाही या जल्दी-जल्दी न करें।

5. अशुद्ध स्थान, शोरगुल या नकारात्मक वातावरण में साधना न करें।

6. माला को इधर-उधर फेंके या दूसरों को न दें।

7. स्वार्थ या दूसरों को नुकसान पहुँचाने के लिए इस साधना का उपयोग न करें।

👉 यदि साधक नियम और श्रद्धा से साधना करता है तो यह प्रयोग अत्यंत फलदायी सिद्ध होता है और धन, लक्ष्मी, सफलता, और हर प्रकार की समृद्धि प्रदान करता है।

निष्कर्ष

अनंत अभिलाषा पूर्ति प्रयोग उन सभी साधकों के लिए विशेष है, जो अपने जीवन में धन, वैभव, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति करना चाहते हैं। यह प्रयोग साधारण दिखने वाला है, लेकिन इसके प्रभाव अत्यंत चमत्कारी हैं।

👉 यदि आप भी जीवन में उन्नति चाहते हैं, तो इस प्रयोग को श्रद्धा और नियमपूर्वक करें।


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