अमाल्तास (आरग्वध): आयुर्वेदिक लाभ, उपयोग और नुस्खे Cassia fistula

Sachinta maharaj

प्रकृति का स्वर्णिम उपहार: अमाल्तास (आरग्वध) के प्राचीन स्वास्थ्य रहस्यों को जानें

परिचय:

अमाल्तास वृक्ष की शक्ति की खोज करें अपने सुनहरे-पीले फूलों की शानदार लड़ी के लिए प्रसिद्ध, अमाल्तास वृक्ष (Cassia fistula) या 'गोल्डन शॉवर ट्री' एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। लेकिन इसकी सुंदरता इसके गहन औषधीय मूल्य से कहीं अधिक है। आयुर्वेद और यूनानी जैसी पारंपरिक प्रणालियों में पूजनीय, आरग्वध (संस्कृत) के रूप में भी जाना जाने वाला अमाल्तास, स्वस्थ आंत को बढ़ावा देने से लेकर त्वचा की बीमारियों को शांत करने तक, स्वास्थ्य लाभ का एक पावरहाउस है।

यदि आप प्राकृतिक, समय-परीक्षित उपचारों की तलाश में हैं, तो यह प्राचीन जड़ी-बूटी निश्चित रूप से आपका ध्यान आकर्षित करती है। आइए, शास्त्रीय ग्रंथों में विस्तार से वर्णित अमाल्तास के अविश्वसनीय गुणों, उपयोगों और पारंपरिक प्रयोगों पर गहराई से नज़र डालें।

अमाल्तास: नाम, पहचान और गुण

पारंपरिक नाम (पर्यायवाची)

अमाल्तास के प्रति सम्मान इसके कई नामों में स्पष्ट है:

 * हिंदी: अमाल्तास, धनबहेड़ा

 * संस्कृत: नृपद्रुम, आरग्वध, हेमपुष्प, दीर्घफल, व्याधिघात

 * मराठी: वाहवह

 * गुजराती: गरमाड़ो

अमाल्तास की पहचान

अमाल्तास का पेड़ बहुत ऊंचा नहीं होता और पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। इसकी सबसे विशिष्ट विशेषता दो से ढाई फुट लंबी काले रंग की बेलनाकार फलियाँ हैं, जो शीतकाल में पकती हैं। इन फलियों के भीतर काले रंग के गोंद के समान एक लसदार पदार्थ भरा रहता है, जो इसकी गिरी या गूदा कहलाता है और यह पौधे का सबसे शक्तिशाली हिस्सा है।

आयुर्वेदिक गुण (दोषों पर प्रभाव)

आयुर्वेद में, अमाल्तास को निम्नलिखित गुणों से वर्णित किया गया है:

 * भारी (भारी)

 * स्वादिष्ट (स्वादिष्ट)

 * शीतल (शीतल)

 * एक हल्का विरेचक (मृदु-रेचक/हल्का जुलाब)

ये गुण इसे पित्त और कफ दोषों को शांत करने के लिए उत्कृष्ट बनाते हैं, और इसका उपयोग ज्वर (बुखार), हृदय रोग, रक्तपित्त, वात रोग, उदरशूल (पेट दर्द) को नष्ट करने के लिए किया जाता है। आचार्य चरक ने इसे कुष्ठघ्न (त्वचा रोगों को दूर करने वाला) और कंडूघ्न (खुजली दूर करने वाला) गणों में वर्गीकृत किया है।

अमाल्तास के अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभ (आयुर्वेदिक दृष्टिकोण)

अमाल्तास वृक्ष के विभिन्न भाग (जड़, छाल, फल, पत्ते और फूल) कई औषधीय उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

1. कोमल विरेचक शक्ति (मृदु-रेचक)

पके फल का गूदा सबसे अच्छे और सुरक्षित प्राकृतिक जुलाबों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है। यह आंतों को साफ करने, एक हल्के विरेचक के रूप में कार्य करने और गंभीर ऐंठन पैदा किए बिना कब्ज को दूर करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।

2. त्वचा रोगों से राहत (चर्म रोग)

अमाल्तास को त्वचा विकारों (कुष्ठघ्न) के लिए एक महान उपाय के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका उपयोग दाद (दाद), खुजली (कंडूघ्न), और अन्य त्वचा रोगों (चर्म रोग) जैसी लगातार त्वचा की स्थितियों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

3. ज्वर निवारण (ज्वरनाशक)

जड़ और पत्ते दोनों में बुखार को कम करने (ज्वरनाशक) वाले गुण होते हैं और यह सामयिक ज्वर (सामयिक ज्वर) में फायदेमंद होता है।

4. घाव भरना और सूजन कम करना

अमाल्तास के पत्ते सूजन को कम करने और घावों के भरने को तेज करने में सहायक होते हैं। वात और कफ को कम करने की इसकी क्रिया इसे गठिया और अन्य वात विकारों (गठिया) के लिए एक मूल्यवान जड़ी-बूटी बनाती है।

5. पाचन अग्नि को बढ़ावा देना

यह जठराग्नि (पाचन अग्नि) को बढ़ाने वाला, स्निग्ध (चिकना), और वात तथा पित्त को शांत करने वाला बताया गया है।

पारंपरिक उपयोग और घरेलू नुस्खे (उपयोग)

प्राचीन ग्रंथ अमाल्तास के विभिन्न भागों का उपयोग करने के लिए विशिष्ट नुस्खे प्रदान करते हैं:

 उपाय:- प्रयुक्त भाग:- लगाने/सेवन का तरीका:- लाभ 

 कब्ज से राहत :- फल का गूदा (गिरी) :- गूदे को भिगोकर मसलकर और छानकर :-  रात को पी लें:-  आंतों को साफ करता हैओर कब्ज दूर करता है  

 त्वचा रोग :-  पंचांग (जड़, छाल, फल, फूल, पत्ते) :-  पंचांग को जल के साथ पीसकर लेप करें :- दाद, खुजली, त्वचा रोगों में लाभप्रद

गठिया/सूजन :-  पत्ते :- पत्तों को गर्म करके पुल्टिस (पोटली) बाँधें :-  गठिया (गठिया) और वात दर्द में सूजन और दर्द से राहत मिलती है।

पेट के विकार :-  फल का गूदा (गिरी) :-  अमाल्तास के गूदे का क्वाथ (काढ़ा) पिलाने से श्वास की रुकावट दूर होती है। 

बच्चों के लिए :-  फल का गूदा (गिरी) :-  अमाल्तास के गूदे को नाभि के चारों ओर लेप करने से बच्चों के पेट का शूल (दर्द) दूर होता है।

चिकित्सा के अनुसार अमाल्तास

यूनानी चिकित्सा प्रणाली में, अमाल्तास अपने समशीतोष्ण स्वभाव (थोड़ा गर्म और तर) के लिए जाना जाता है। इसे सूजन को नष्ट करने वाला, फूलों को विरेचक (फूल विरेचक) और विभिन्न समस्याओं के लिए फायदेमंद माना जाता है:

 * विरेचक: फूल विरेचक होते हैं, और फल विरेचक होता है।

 * उपचार: यह नेत्र रोग, छाती और गले की तकलीफ, गठिया और आंतों के कृमि (कीड़ों) के उपचार में दिया जाता है।

 * पौष्टिक: इसकी जड़ प्रायः पौष्टिक और ज्वरनाशक औषधि के रूप में उपयोग की जाती है।

महत्वपूर्ण सावधानी

हालांकि अमाल्तास एक प्राकृतिक उपचार है, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है। इसकी विरेचक प्रकृति के कारण, फल के गूदे का सेवन सावधानी से और अधिमानतः एक योग्य आयुर्वेदिक या यूनानी चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए।

अत्यधिक उपयोग से बचें, क्योंकि इससे निर्जलीकरण या पेट की परेशानी हो सकती है।

क्या आपने कभी अमाल्तास को इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए इस्तेमाल किया है? नीचे टिप्पणी में अपने अनुभव साझा करें! यदि आप इस शक्तिशाली जड़ी-बूटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, तो व्यक्तिगत खुराक और सलाह के लिए हमेशा किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।

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