छठ पूजा 2025: छठ मैया की पूजा विधि, कथा, महत्व, नियम और क्या करें क्या ना करें

Sachinta maharaj

छठ पूजा 2025: छठ मैया की पूजा विधि, महत्व, नियम और संपूर्ण जानकारी

🌸 छठ पूजा क्या है?

छठ पूजा हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है जो सूर्य देव और उनकी बहन छठ मैया (उषा या षष्ठी देवी) को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा में सूर्य देव को अस्ताचल (डूबते) और उदयाचल (उगते) अर्घ्य अर्पित किया जाता है।



🙏 छठ देवी मैया कौन हैं?

छठ मैया को सूर्य देव की बहन माना जाता है। इन्हें उषा देवी या षष्ठी माता के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि छठ मैया संतान की रक्षा करती हैं, उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

छठ मैया की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, विशेषकर संतान प्राप्ति और परिवार की उन्नति के लिए यह व्रत अत्यंत फलदायी माना गया है।


🪔 छठ पूजा कब और कैसे करते हैं?

छठ पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को की जाती है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है:

  1. नहाय-खाय (पहला दिन): व्रती स्नान कर पवित्र भोजन ग्रहण करते हैं।
  2. खरना (दूसरा दिन): सूर्यास्त के बाद गुड़-चावल की खीर और रोटी से व्रत की शुरुआत होती है।
  3. संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन): व्रती डूबते सूर्य को जल में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं।
  4. उषा अर्घ्य (चौथा दिन): सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है।


🌿 छठ मैया की पूजा विधि

  • व्रती उपवास रखते हैं और शुद्धता का पालन करते हैं।
  • घाट पर बांस के सुप में फल, ठेकुआ, नारियल, केला, गन्ना, और दीप लेकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
  • पूजा के समय “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करना शुभ होता है।
  • परिवार और समाज की भलाई की कामना की जाती है।

🌞 छठ पूजा से क्या लाभ होता है?

  • सूर्य देव की कृपा से स्वास्थ्य, समृद्धि और संतान सुख मिलता है।
  • घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।
  • रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • जीवन में सफलता और उजाला आता है।

⚠️ क्या करें और क्या ना करें

क्या करें:
✔ उपवास के दौरान शुद्धता, संयम और श्रद्धा बनाए रखें।
✔ पूजा सामग्री शुद्ध और प्राकृतिक रखें।
✔ नदी या जलाशय के पास पूजा का आयोजन करें।

क्या ना करें:
❌ मांस, मदिरा या प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
❌ व्रत के दौरान झूठ या क्रोध न करें।
❌ पूजा स्थल पर गंदगी न फैलाएं।


💫 छठ पूजा का आध्यात्मिक महत्व

छठ पूजा आत्मसंयम, त्याग और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक है। सूर्य देव को जल अर्पण करना जीवन में प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि शुद्ध मन और भक्ति से हर मनोकामना पूरी हो सकती है।


📿 निष्कर्ष

छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आस्था, समर्पण और प्रकृति से जुड़ाव का पर्व है। छठ मैया की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

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