गोवर्धन पूजा 2025 : क्या करें, क्या न करें और ज्योतिषीय उपाय व्यापार, कार्य और संतान वृद्धि के लिए
🪔 गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2025
तिथि: बुधवार, 22 अक्टूबर 2025
प्रातःकाल मुहूर्त: 06:26 से 08:42 (अवधि – 2 घंटे 16 मिनट)
सायंकाल मुहूर्त: 15:29 से 17:44 (अवधि – 2 घंटे 16 मिनट)
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त: 22 अक्टूबर 2025, रात 8:16 बजे
🌾 गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में मनाया जाता है। यह पूजा कृषि, समृद्धि, धन और परिवार की वृद्धि के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
इस दिन गौ, गोवर्धन पर्वत, अन्नकूट और प्रकृति की पूजा करने से जीवन में स्थिरता, संपन्नता और सुख का वास होता है।
🕉️ गोवर्धन पूजा में क्या करें (Do’s)
- प्रातःकाल स्नान के बाद गोबर या मिट्टी से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाएं।
- अन्नकूट भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन की पूजा करें।
- गौ माता की सेवा करें – दूध, हरी घास, गुड़, या रोटी खिलाएं।
- तुलसी दल, रोली, चावल और धूप दीप से पूजा करें।
- व्यापार वृद्धि के लिए – पूजा के समय श्रीकृष्ण को मिश्री और धनिया अर्पित करें।
- संतान सुख के लिए – गाय के बछड़े को गुड़ और चने खिलाएं।
- धन-प्राप्ति के लिए – पूजा के बाद घर के मुख्य द्वार पर गोबर से “गोवर्धन पर्वत” का प्रतीक बनाएं और दीप जलाएं।
🚫 गोवर्धन पूजा में क्या न करें (Don’ts)
- इस दिन अन्न का अनादर न करें, भोजन बर्बाद न करें।
- किसी पशु या गौ माता को कष्ट न दें।
- क्रोध या अपशब्दों से बचें, यह दिन शांतिपूर्ण रहने का प्रतीक है।
- काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- नकारात्मक विचार और झूठ बोलना वर्जित है।
🔮 विशेष ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedies)
💰 व्यापार वृद्धि के लिए उपाय
- पूजा के समय पीपल के पत्ते पर हल्दी और सिंदूर से “श्रीं” लिखें और तिजोरी में रखें।
- गोवर्धन पर्वत का अन्नकूट प्रसाद अपने व्यापार स्थल पर ले जाकर रख दें।
- श्रीकृष्ण के नाम का जप करें – “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” 108 बार।
👨👩👧 संतान सुख के लिए उपाय
- इस दिन गौ माता के बछड़े को चने और गुड़ खिलाएं।
- कृष्ण और राधा को दूध से स्नान कराकर सफेद पुष्प अर्पित करें।
- शाम को दीपक में घी डालकर तुलसी के पास जलाएं।
💼 कार्य और नौकरी में वृद्धि के लिए उपाय
- प्रातःकाल पूजा के बाद गोवर्धन पर्वत के चारों ओर 7 परिक्रमा करें।
- एक ताम्रपत्र पर “ॐ नमो गोवर्धनाय नमः” लिखकर अपने डेस्क या कार्यस्थल पर रखें।
- गोपाल मंत्र का जाप करें – “ॐ गोपालाय नमः”।
🌸 आध्यात्मिक लाभ
गोवर्धन पूजा केवल भौतिक उन्नति ही नहीं बल्कि मन की शांति, आत्म-संतोष और ईश-भक्ति का भी प्रतीक है।
यह दिन हमें प्रकृति, गाय और भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से जोड़ता है।
📖 निष्कर्ष
गोवर्धन पूजा का दिन आपके जीवन में संपन्नता, व्यापार वृद्धि, कार्य-सफलता और संतान सुख लाने का उत्तम अवसर है।
भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की कृपा से जीवन के सभी क्षेत्र में स्थिरता और आनंद प्राप्त होता है।




