अरंड (Castor Plant) के अद्भुत आयुर्वेदिक फायदे, गुण और उपयोग | Arand ke Fayde aur Upyog in Hindi
🔹 परिचय
अरंड जिसे अरण्डी, एंडी, एरंड, Eranda आदि नामों से जाना जाता है, भारत में सर्वत्र पाया जाने वाला एक उपयोगी पौधा है। इसके पत्ते पपीते के पत्तों के समान होते हैं। अरंड दो प्रकार का होता है – बड़ा और छोटा, लेकिन औषधीय प्रयोगों में छोटे बीज वाले अरंड का उपयोग सबसे लाभकारी माना गया है।
🌿 अरंड के प्रमुख नाम
हिन्दी: अरंड, अरण्डी, अंडी
संस्कृत: एरंड, त्रिपुटीफल, आमण्ड
मराठी: एरंड
गुजराती: एरंड
तेलुगु: आमांडिट्टा
कन्नड़: इल्लूबीज
फारसी: वेद-अमजीर
अंग्रेज़ी: Castor Plant / Ricinus Communis
🌱 पहचान व प्रसार
यह पौधा पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। इसके पत्ते चौड़े, हरे और पपीते के पत्तों की तरह होते हैं।
🌼 अरंड के गुण (Arand ke Gun)
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आयुर्वेदिक दृष्टि से:
अरंड मधुर, गर्म, भारी और शूलहर होता है। यह शरीर से वात, कफ, आम, अफारा, खांसी, श्वास तथा पेट के विकारों को दूर करता है। -
पत्ते और जड़ के गुण:
इसके पत्ते वात-कफ का नाश करते हैं, आँतों के कीड़े, त्वचा रोग, मूत्ररोग और पथरी में लाभकारी हैं। -
फूल और फल:
यह पाचन को ठीक करता है, भूख बढ़ाता है और कब्ज दूर करता है। -
तेल:
अरंड का तेल (Castor Oil) एक उत्तम विरेचक (laxative) है। यह कब्ज, पेट दर्द, वात रोग और त्वचा विकारों में अत्यंत लाभदायक होता है।
💧 अरंड के औषधीय उपयोग (Arand ke Upyog)
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जुलाब के रूप में:
अरंड का तेल विशेष रूप से जुलाब (purgative) के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आंतों की सफाई करता है और कब्ज दूर करता है। -
संधि व जोड़ों के दर्द में:
अरंड के बीज का पेस्ट गर्म कर जोड़ों या सूजन वाली जगह पर लेप करने से आराम मिलता है। -
आंखों की सूजन में:
इसके पत्तों का जो (रस) आटे के साथ पुल्टिस बनाकर बांधने से आंखों की सूजन मिटती है। -
पेट दर्द और अपच में:
इसकी जड़ का सिरका बनाकर गुनगुना लेप करने से पेट की सूजन और दर्द में राहत मिलती है। -
महिलाओं के रोगों में:
स्तनों पर इसका लेप करने से दूध की मात्रा बढ़ती है और ढीलापन भी दूर होता है। -
त्वचा रोगों में:
अरंड की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से खुजली, फोड़े-फुंसी और त्वचा रोगों में लाभ होता है। -
पाइल्स (बवासीर) में:
हरे पत्तों को पीसकर गुदा पर बांधने और बीज का सेवन करने से बवासीर में आराम मिलता है। -
नाक से खून आने पर:
बीज के छिलके की भस्म को नाक में फूंकने से नकसीर बंद होती है। -
गुर्दे के दर्द में:
बीज की मींगी को पीसकर गुनगुना लेप करने से किडनी के वात पीड़ा में राहत मिलती है। -
यौन शक्ति बढ़ाने में:
बीज व मीठे तेल दोनों को बराबर लेकर मालिश करने से मूत्रेंद्रिय की कमजोरी दूर होती है।
🌺 अन्य औषधीय उपयोग
- अरंड की जड़ का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से कामला रोग में लाभ होता है।
- पत्तों का सिरके में लेप करने से स्तनों की ढीलापन और सूजन दोनों मिटते हैं।
- गोमूत्र में इसका तेल मिलाकर सेवन करने से गठिया, कब्ज, और त्वचा रोग ठीक होते हैं।
- बीजों की राख (भस्म) को नाक में फूंकने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
⚕️ अरंड के लाभ संक्षेप में
- कब्ज व पेट दर्द में उपयोगी
- वात, कफ, सूजन व जोड़ों के दर्द में लाभदायक
- पाइल्स, त्वचा रोग व खुजली में उपयोगी
- स्तनों के दूध वर्धक
- यौन शक्ति व भूख बढ़ाने वाला
- मूत्ररोग व पथरी में सहायक
🕉️ निष्कर्ष
अरंड (Castor Plant) एक बहुगुणी औषधीय पौधा है जिसे आयुर्वेद में वातनाशक, रेचक और बलवर्धक माना गया है। इसका नियमित और सही मात्रा में उपयोग अनेक रोगों को दूर करता है।
⚠️ सावधानी: अरंड का सेवन या औषधीय उपयोग किसी वैद्य या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।



