आक (मदार) औषधीय पौधा – गुण, फायदे और प्रयोग | Ak Plant Benefits in Ayurveda

Sachinta maharaj

आक (मदार) के गुण, उपयोग, फायदे और घरेलू नुस्खे | Ak Plant Benefits in Ayurveda

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आक (मदार) क्या है? | What is Ak (Madar Plant)

आक, जिसे मदार, क्षीरफल, शुक्रफल, आकंद, ऊशर आदि नामों से जाना जाता है, एक अत्यंत प्रसिद्ध औषधीय पौधा है। यह भारत में सड़क किनारे, खुले क्षेत्रों व रेतीली जगहों पर आसानी से उग जाता है। इसकी पत्तियों और डंठल में सफेद दूध निकलता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है।


आक के नाम (Vernacular Names)

  • हिन्दी: आक, मंदार
  • संस्कृत: क्षीरफल, शुक्रफल
  • बंगाली: आकंद
  • मराठी: पाठरी रूई
  • तेलगू: तेलाजिल्लीडे
  • फारसी: खरक
  • अरबी: ऊशर

पौधे की पहचान

  • झाड़ आमतौर पर सड़कों के किनारे उगता है
  • पत्ते बड़े, सफेदपन लिए हरे और मोटे
  • डंठल और पत्तियों से सफेद दूध (Latex) निकलता है
  • फूल हल्के बैंगनी या सफेद

Image Alt Text (SEO): Ak plant image – Madar medicinal plant with thick green leaves and milky latex.


आक के गुण (Ayurvedic Properties of Ak)

आयुर्वेद अनुसार गुण

  • रेचक
  • वात-नाशक
  • कुष्ठनाशक
  • कृमिनाशक
  • विषनाशक
  • बवासीरनाशक
  • प्लिहा व यकृत विकारों में लाभकारी
  • रक्त-पित्त नियंत्रक
  • उत्तम विरेचक

दूध (Latex) के गुण

  • तिक्त, ऊष्ण, स्निग्ध
  • कोढ़, गुल्म, उदर रोग नाशक
  • पित्त-स्रावक
  • उत्तम स्वेदजनक

जड़ की छाल

  • वमनकारक
  • पसीना लाने वाली
  • बलवर्धक
  • धातु परिवर्तक
  • त्वचा उत्तेजक

यूनानी मत में आक

यूनानी प्रणाली इसे गर्म व रूक्ष मानती है।

  • दूध: 3rd–4th degree hot
  • अधिक सेवन से यकृत व फेफड़े को हानि
  • प्रतिकारक: दूध, घी

मात्रा:

  • दूध: 2–4 रत्ती
  • छाल/फूल/पत्ती: 6 रत्ती
  • काढ़ा: 6 माशा

आक (मदार) के प्रमुख फायदे | Ak Plant Benefits

  • दमा व खाँसी
  • अजीर्ण
  • पेट दर्द
  • बवासीर
  • हैजा
  • कृमि रोग
  • त्वचा रोग
  • विष उपचार
  • नपुंसकता
  • मानसिक रोग
  • नजला, आधाशीशी
  • आँखों के रोग
  • अपार मैथुन शक्ति

आक के 19 प्रमुख आयुर्वेदिक उपयोग (घर पर प्रयोग योग्य नुस्खे)

नीचे दिए सभी नुस्खे प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों पर आधारित हैं—


1. बवासीर (Piles) का रामबाण उपाय

रूई पर 3 बूंद आक का दूध + जवाखर, इसे बताशे में रखकर रोज सुबह 7 दिन खाएँ।
लाभ: बवासीर में विशेष लाभ।


2. दमा व खाँसी में लाभ

आक फूल की मगज + सेंधा नमक + अफीम + अजवाइन
चार-चार घंटे पर गोली दें।
लाभ: पुराना दमा व खाँसी।


3. हिस्टीरिया, खाँसी, गैस, दमा

आक फूल की मगज + काली मिर्च
1 रत्ती गोली, गर्म पानी से।


4. पेट दर्द व अजीर्ण

मदार कली + काली मिर्च + सेंधा नमक + लौंग + अफीम
अदरक व नींबू रस से बनाई गोलियाँ, दिन में 3 बार।


5. बच्चों व बड़ों की खाँसी, हैजा, उदरशूल

आक फूल की मगज + पीपल + लाहौरी नमक
बच्चों को 1 गोली, बड़े को 2 गोली।


6. पेट दर्द तुरन्त दूर

आक के सूखे फूल
आक पत्ती रस में घोटकर गोली।


7. आँतों के कीड़े व बवासीर

आक का रस + आक दूध + गाय का घी
जब उबलकर घी बचे, उसे पीएँ (3–6 माशा)।


8. भयंकर हैजा में

आक जड़ की छाल + काली मिर्च
सौंफ के अर्क के साथ 1–2 गोली।


9. वात रोग के लिए तेल

आक के पत्ते + भिलावा + तिल का तेल
धूप में बैठकर मालिश।


10. सूजन, हाथीपाँव

आक की जड़ को काँजी के साथ लेपें।


11. पागल कुत्ते के काटने का इलाज (Traditional Remedy)

जड़ छाल + धतूरा पत्ती + मिश्री
दवा देने से पहले अरंडी का तेल।
40 दिनों में लाभ कहा गया है (प्राचीन संदर्भ)।


12. साँप के काटने में नुस्खा

(केवल आयुर्वेदिक ग्रंथों में वर्णित; आपात स्थिति में आधुनिक चिकित्सा अनिवार्य)

नीला थोथा, अफीम, फिटकिरी आदि का विशेष चूर्ण
जहरीले साँप का प्रभाव कम करने हेतु।


13. सिरदर्द, नजला, मृगी, हिस्टीरिया

आक दूध में राख मिलाकर नस्य।


14. बिच्छू के डंक पर

आक का दूध तुरंत राहत देता है।


15. मिर्गी का दौरा रोकना

जड़ छाल + बकरी दूध
नाक में टपकाएँ।


16. आँखों की रोशनी बढ़ाने हेतु

सफेद आक की जड़ + मक्खन
सुरमा की तरह लगाने से लाभ बताया गया है।


17. मोतियाबिन्द

आक दूध में भीगी ईंट की राख + लौंग
नस्य द्वारा लाभ।


18. अविश्वसनीय मैथुन शक्ति

100 आक पत्ते + गाय का घी
20 ग्राम सेवन करने से उत्तम परिणाम बताए गए हैं।


19. नपुंसकता में फायदे

आक दूध को 72 घंटे खरल करके
जननेन्द्रियों पर मालिश।


सावधानियाँ (Precautions)

  • आक का दूध विषैला होता है
  • गर्भवती, बच्चे उपयोग न करें
  • आँख, नाक, जीभ पर अधिक मात्रा हानिकारक
  • विशेषज्ञ वैद्य की निगरानी आवश्यक

FAQ (Frequently Asked Questions)

क्या आक का दूध विषैला होता है?

हाँ, अधिक मात्रा में विषैला है। सीमित/औषधीय मात्रा में ही उपयोग करें।

क्या बवासीर में आक उपयोगी है?

हाँ, बताशे वाला प्रयोग अत्यंत प्रसिद्ध है।

क्या आक नपुंसकता में लाभ देता है?

हाँ, प्राचीन ग्रंथों में इसके कई प्रयोग बताए गए हैं।

क्या आक आँखों में लगाया जा सकता है?

केवल विशेष विधि और विशेषज्ञ वैद्य के निर्देशन में।

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