असगंधा (अश्वगंधा) के गुण, उपयोग और अद्भुत फायदे | Asgandha ke Gun aur Upyog
📘 परिचय (Introduction)
असगंधा जिसे अश्वगंधा, तुर्वी, पिवरी या पुष्टदा के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। यह भारतवर्ष में सर्वत्र पाई जाती है। बाजार में मिलने वाली असगंधा की जड़ ही औषधीय रूप में उपयोग की जाती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे अत्यंत बलवर्धक और रसायन माना गया है।
🌱 असगंधा का प्राप्तिस्थान और पहचान
यह पौधा भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाया जाता है। असगंधा का पौधा 2 से 3 फीट ऊँचा होता है और वर्षा ऋतु में उगता है। इसकी जड़ मोटी, हल्की पीली और सुगंधित होती है। लैटिन नाम Withania Somnifera है।
कई लोग “धोड़ा कुन” को असली असगंध मानते हैं, पर आयुर्वेदिक मतानुसार यही असली अश्वगंधा है।
💊 असगंधा के गुण (Properties of Asgandha)
🩺 आयुर्वेद के अनुसार:
- वात, कफ, सूजन और श्वेतकुष्ठ का नाश करती है।
- बलकारक, रसायन, वीर्यवर्धक और पौष्टिक है।
- स्वाद में कड़वी, कसैली और तासीर से गर्म होती है।
⚕️ यूनानी मत के अनुसार:
- पौष्टिक और बलवर्धक।
- श्वास रोग और कटिवात में लाभदायक।
- ऋतुस्त्राव को नियमित करने में सहायक।
- संधिप्रदाह (जोड़ों के दर्द) में उपयोगी।
🧴 असगंधा के प्रमुख उपयोग (Uses of Asgandha)
-
बलवर्धक और धातुवर्धक औषधि:
- सफेद मूसली, विधारा आदि के साथ असगंधा का सेवन दूध के साथ करने से शरीर में बल और धातु की वृद्धि होती है।
-
गठिया रोग में लाभदायक:
- अडूसे पंचांग के रस के साथ असगंधा सेवन करने से गठिया में राहत मिलती है।
-
गर्भधारण में सहायक:
- रजोधर्म के प्रारंभ में असगंधा चूर्ण का सेवन करने से गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।
- इसके क्वाथ से सिद्ध घी का सेवन मासिकधर्म के बाद लाभकारी होता है।
-
कटिशूल (कमर दर्द) में लाभ:
- असगंधा चूर्ण को घी और शक्कर में मिलाकर देने से कटिशूल में राहत मिलती है।
-
नारू रोग में उपयोग:
- असगंधा को छाछ या तेल में पीसकर लेप करने से नारू रोग में लाभ होता है।
-
वातरक्त (गठिया-रक्त विकार) में:
- असगंधा और चोप चीनी के रस का काढ़ा पीने से वातरक्त में लाभ मिलता है।
🍶 सेवन विधि (How to Use Asgandha)
- चूर्ण: 3 से 6 माशे तक दिन में दो बार।
- सेवन के साथ दूध लेना सबसे लाभकारी माना गया है।
⚠️ सावधानियां (Precautions)
- गर्भवती महिलाएं चिकित्सक की सलाह से ही सेवन करें।
- अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गर्मी या गैस की समस्या हो सकती है।
- हमेशा शुद्ध असगंधा का ही प्रयोग करें।
🌼 निष्कर्ष (Conclusion)
असगंधा एक प्राकृतिक शक्ति-वर्धक और रोगनाशक औषधि है। यह न केवल शारीरिक बल बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करती है। नियमित और उचित मात्रा में सेवन से असगंधा शरीर को स्वस्थ, शक्तिशाली और ऊर्जावान बनाती है।



