गुरु का महत्त्व – सच्चे गुरु कैसे शिष्य को अपने समान बनाते हैं | प्रेरणादायक विचार

Sachinta maharaj

 

🌺 गुरु का महत्त्व – सच्चे मार्गदर्शक की पहचान 🌺

🙏 गुरु को कीजै दण्डवत कोटि कोटि परनाम । कीट न जाने भृंग को, गुरु करले आप समान ।।१।।

गुरुजी को बारंबार दण्डवत प्रणाम। जैसे भृंगी (एक कीट) अपने संगीत से छोटे कीड़े को अपने समान बना देती है, वैसे ही सच्चा गुरु अपने ज्ञान, साधना और वाणी से शिष्य को अपने समान बना देता है।

गुरु केवल ज्ञान देने वाले नहीं होते — वे चेतना जागृत करने वाले होते हैं। एक सच्चा गुरु शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है, अज्ञान से ज्ञान की ओर और अस्थिरता से स्थिरता की ओर प्रेरित करता है।


जिस प्रकार भृंगी कीड़े को रूपांतरित करती है, उसी प्रकार गुरु अपने शिष्य का आत्मिक रूपांतरण करते हैं।
इसलिए कहा गया है —

"गुरु बिन ज्ञान न उपजे, गुरु बिन मिटे न संशय।"

🌼 गुरु की महिमा को समझने के प्रेरक संदेश:

  1. गुरु जीवन का मार्गदर्शक है – जो राह दिखाता ही नहीं, बल्कि चलना भी सिखाता है।
  2. गुरु आत्मा का दीपक है – जो भीतर की अंधकार को मिटाकर सत्य का प्रकाश जगाता है।
  3. गुरु से ही साधना सार्थक होती है – बिना गुरु के ज्ञान केवल शब्द बनकर रह जाता है।

🌞 प्रेरणा:

यदि जीवन में सच्चा गुरु मिल जाए, तो समझो भगवान स्वयं तुम्हारे जीवन का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
गुरु का आशीर्वाद ही वह शक्ति है जो हमें स्वयं के श्रेष्ठ स्वरूप तक पहुँचाती है।



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