अम्बाड़ा (Ambada) के आयुर्वेदिक गुण, औषधीय उपयोग और फायदे | Wild Mango Benefits in Ayurveda

Sachinta maharaj

 अम्बाड़ा (Ambada) के अद्भुत औषधीय गुण और उपयोग | Ayurvedic Benefits of Ambada in Hindi

🌱 अम्बाड़ा क्या है? (What is Ambada?)

अम्बाड़ा एक जंगली आम (Wild Mango) है, जिसे संस्कृत में आभाटक, बंगला में आभड़ा, मराठी में अम्बाड़ा, और लैटिन में Spondias Mangifera कहा जाता है। यह पौधा हिमालय की तलहटी, ब्रह्मा, अंडमान और हांगकांग जैसे स्थानों में पाया जाता है।



🧘‍♂️ आयुर्वेदिक गुण (Ayurvedic Properties)

  • स्वभाव: खट्टा, कसैला, वातनाशक, शीतल
  • स्वाद: कसैला व खट्टा
  • प्रभाव: वात, पित्त, रक्त व त्वचा विकारों में लाभकारी
  • गुण: भूख बढ़ाने वाला, बलवर्धक, पाचक, रुचिकर, वायुनाशक
  • फल:
    • कच्चा फल: खट्टा, वातनाशक, अपच व वमनाशक
    • पका फल: तिक्त, मधुर, रसायनयुक्त, स्वादीष्ट

⚕️ औषधीय लाभ (Medicinal Benefits)

  1. रक्त विकारों में लाभकारी – अम्बाड़ा का सेवन रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करता है।
  2. गले के रोगों में उपयोगी – इसका कच्चा फल गले के रोगों में लाभ देता है।
  3. पाचन सुधारक – यह अपच, भूख की कमी और कब्ज जैसी समस्याओं में उपयोगी है।
  4. शीतल प्रभाव – यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और पित्त को संतुलित करता है।
  5. त्वचा रोगों में उपयोगी – अम्बाड़ा के पत्ते व फल त्वचा की समस्याओं में सहायक हैं।
  6. सर्प विष निवारक – इसकी छाल कई औषधियों में सर्प विष निवारण हेतु प्रयोग की जाती है।

🧴 उपयोग विधि (Uses of Ambada)

  1. अल्पपित्त (Acidity) में लाभ
    👉 अम्बाड़ा के कोमल फलों को खड़ी शक्कर के साथ सेवन करने से सात दिन में आराम मिलता है।
  2. कर्णशूल (Ear Pain) में उपयोग
    👉 इसके पत्तों का रस कान में टपकाने से कान दर्द में राहत मिलती है।
  3. व्रण (Wounds) में लाभ
    👉 अम्बाड़ा के फल का लेप पुराने घावों पर लगाने से घाव शीघ्र भरते हैं।
  4. आमातिसार (Dysentery) में उपयोग
    👉 इसके पत्तों का चूर्ण और छाल का काढ़ा देने से लाभ मिलता है।


🌿 यूनानी चिकित्सा में उपयोग (In Unani Medicine)

अम्बाड़ा को शीतल और रूक्ष माना गया है। यह पित्तप्रधान रोगों में लाभदायक है। नाक के रोगों में इसकी छाल को बकरी के दूध के साथ पीसकर देने से फायदा होता है।


🧘 निष्कर्ष (Conclusion)

अम्बाड़ा एक अद्भुत औषधीय पौधा है जो न केवल पाचन तंत्र, रक्त विकार, त्वचा रोग और वात-पित्त दोषों में लाभ पहुंचाता है, बल्कि यह शरीर को प्राकृतिक रूप से संतुलित रखता है। इसका नियमित और सही मात्रा में सेवन कई रोगों का समाधान बन सकता है।

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